2025-04-26 16:28:23
नई दिल्ली। दिल्ली में डबल इंजन की सरकार होते हुए भी कई स्थानों पर जलभराव की घटनाएँ सामने आ रही हं जिनमें से एक घटना 23 अप्रैल 2025 की है। जो मंडोली चुंगी से लेकर हर्ष विहार फ्लाईओवर का निमार्णाधीन कार्य चल रहा है। उसके चलते गगन रेडलाइट से लेकर सेंट्रल जेल (मंडोली) के सामने इतना पानी भरा हुआ था कि गाड़ी वालों को निकलने में काफी दिक्कतें तो रही थी। वहीं पैदल चलने वाले लोगों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता की सरकार से पहले केजरीवाल की सरकार थी तो भाजपा वाले ऐसी घटनाओं को लेकर बहुत शोर मचाते हुए नजर आते थे। अब सरकार बदल चुकी है, भाजपा की सरकार का दिल्ली में शासन है और शायद एमसीडी में भी भाजपा का मेयर बनने की पूरी संभावना है। भाजपा संघी नेताओं से दिल्ली की जनता की अपील है कि जो गारंटियाँ उन्होंने चुनाव परिणाम आने से पहले जो जनता को दी थी उन्हें पूरा करने पर ध्यान दें और जनता को बताएँ की हमने कितनी गारंटियों पर काम कर दिया है। दिल्ली में अभी बरसात का मौसम नहीं है फिर भी दिल्ली में जल-भराव की घटनाएँ अप्रत्याशित है। दिल्ली की जनता पीने के पानी के लिए तरस रही है पानी की पूरी सप्लाई व्यवस्था ठीक नहीं है। दिल्ली की सरकार से निवेदन है कि दिल्ली की जनता दूसरे राज्यों की अपेक्षा में अधिक जागरूक है इसलिए उसे बहुत दिन तक छलावा दिखाकर मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। इसलिए सरकार से निवेदन है कि वह जनता से जुड़ी समस्या पर जैसे बिजली, पानी, सड़क आदि पर अधिक ध्यान दें और उसे सुचारु रूप से व्यवस्थित करके आगे बढ़ाए।
साकेत मेट्रो स्टेशन के बाहर जलभराव
ट्रैफिक पुलिस ने इस साल जिन संभावित 194 लोकेशन पर जलभराव की सूची दी है, उन सभी लोकेशन पर पीडब्ल्यूडी जलभराव के कारणों को पता लगा रहा है। पहले चरण में एमबी रोड स्थित साकेत मेट्रो स्टेशन और वेस्टेंड रोड पर जलभराव के कारणों को पता लगाया जा रहा है। शुरूआती जांच में पीडब्ल्यूडी अफसरों को यह पता चला कि जो बड़ी पाइप ड्रेन हैं, उससे गंदे पानी का फ्लो काफी स्लो हो रहा है। इसकी वजह यह है कि पाइप ड्रेन के अंदर काफी मात्रा में सिल्ट (गाद) है।
शहर में 445 ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां बारिश के दौरान जलभराव की समस्या गंभीर रूप से सामने आती है। इनमें मजनू का टीला, प्रगति मैदान, सराय काले खां, ओखला, ग्रेटर कैलाश और शाहदरा जैसे इलाके शामिल हैं। गुरमीत सिंह सूरा कहते हैं पिछले साल 300 स्थानों पर पानी भरा था। दिल्ली पुलिस की ओर से समय-समय पर जलभराव वाले स्थानों के बारे में जानकारी दी जाती है, जहां भारी बारिश के बाद पानी जमा रहता था, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। गुरमीत सिंह सूरा कहते हैं इस बार जलभराव रोकने पर सरकार सख्त है। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मानसून से पहले नालों की गाद निकासी का काम समय पर पूरा किया जाए। इसके लिए दिल्ली भर में गाद निकासी का काम शुरू हो चुका है और पहला चरण मई तक पूरा होने की उम्मीद है।
पीडब्ल्यूडी ने अंडरपास और सबवे में जलभराव रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसके तहत पंप हाउस में अलार्म और टाइमर लगाए जा रहे हैं। गुरमीत सिंह कहते है सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन है, दिल्ली सरकार की तैयारियों को देखते हुए कहा जा सकता है इस बार दिल्ली जलभराव की ज्यादा समस्या नहीं झेलेगी।
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