2023-09-23 17:20:30
नई दिल्ली। स्विटजरलैंड से पीएचडी कर रही सफाई कर्मचारी की बेटी रोहिणी घावरी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को भारतीय संविधान के बारे में जानकारी दी। छात्रा ने बताया कि संविधान सभी नागरिकों की समान रक्षा करता है। भारत का संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आत्मा है। वह संयुक्त राष्ट्र के मानव अधिकार आयोग के 54वें सत्र को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा ‘‘नमस्ते राष्ट्रपति महोदय’’ ‘मैं रोहिणी घावरी India That is भारत से हूँ’’ आज मैं दुनिया के सबसे शक्तिशाली और सफल संविधान की विशेषताएं प्रदर्शित करना चाहती हूं। भारत का संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आत्मा है। डॉ.बी.आर. अम्बेडकर, जिन्हें भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है, ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि संविधान सभी नागरिकों को उनकी जाति या धर्म की परवाह किए बिना मौलिक अधिकारों और कानून के समक्ष समान सुरक्षा की गारंटी देता है।
हम भारतीय महिलाएं बी.आर. अंबेडकर जी का शुक्रिया अदा करती हैं। हमें संविधान के तहत अधिकार देने के लिए जिसमें मुख्य रूप से समानता, सम्मान और भेदभाव से मुक्ति शामिल है। यहां तक कि इसरो के चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन की सफलता ने भी भारतीय महिला वैज्ञानिकों की क्षमताओं को प्रदर्शित किया। एक दलित लड़की होने के नाते मैं कहना चाहूंगी कि संविधान के बिना हमारे जीवन में बदलाव असंभव था। हम दलित अपने संविधान की पूजा करते हैं क्योंकि यह वह चमत्कारी पुस्तक है जिसने हमें छुआछूत की बेड़ियों से मुक्त कराया और समान जीवन जीने का अधिकार दिया। आइए हम भारतीय संविधान से प्रेरणा लें और एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए जिम्मेदार विश्व नागरिक के रूप में मिलकर काम करें जो समतापूर्ण, समावेशी और न्यायसंगत हो।
एक अकेले बाबा साहब ने संविधान लिख करोड़ो अछूतों वंचितों का जीवन बदला तो क्या देश का पूरा बहुजन समाज मिल कर संविधान को नहीं बचा सकता? सोच लो जब तक बाबा साहब का बनाया संविधान है तब तक ही आपका अस्तित्व है! वरना फिर से वही होगा जो पहले होता था।
जय भीम, जय भारत, जय संविधान
धन्यवाद राष्ट्रपति महोदय





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